Health news- रोगन सुकून मालिश तेल के उपयोग का तरीका और लाभ।।

रोगन सुकून  मालिश तेल के उपयोग का तरीका और लाभ।



1. चोट,मोच और वरम में:-चोट लगनेेे पर मोच आने पर या बदन में जहां वरम हो वहां रोगन सुकून से अच्छी तरह मालिश करें  । (रोगने सुकून में सत  अजवाइन और रतनजोत है जोकि इस पीड़ा में लाभदायक है।)

2. जोड़ों का दर्द कमर दर्द और बदन दर्द में:- रोगनेेे सुकून प्रभावित भाग पर लगा कर मालिश करें और उस प्रभावित भाग को किसी कपड़े से 14 मिनट के लिए ढक दें कि हवा नाा लगे और रोगने सुकून अच्छी तरह सोख ले । (रोगने सुकून में सत अजवाइन, सत पुदीना और रतनजोत है जो बदन के उस भाग को    गर्मी पहुंचा कर खून भ्रमण को बढ़ा कर पीढा से आराम पहुंचाता है।)

3. सर्दी,जुकाम और खांसी में:- 3 लीटर पानी को एक बर्तन में उबाल लें उस उबलते हुए पानी में रोग ने सुकून तेल की 20 बूंदे डालें । उस पानी से जो भाप उठेगी उसे नाक और मुंह से सांसो के द्वारा सीने के अंदर ले । जब तक भाप उठती रहे सीने के अंदर लेते रहे । ( रोगने सुकून में नीलगिरी तेल, काफूर और सत अजवाइन है जो की भाप के द्वारा सीने में पहुंच कर (Cough) कफ को साफ करता है ।)

4. दाद, खाज, खुजली एवं चमड़ी के रोग में:- प्रभावित भाग को नीम गर्म पानी से अच्छी तरह धोकर कपास से सुखा लें और रोगने सुकून मालिश तेल को उस जगह लगाएं । (रोगने सुकून में काफूर नीलगिरी तेल है जो चमड़ी के रोगों के लिए लाभदायक है)
           


5. सर दर्द में:- रोगने सुकून से मालिश करने से सर दर्द को दूर करके आंखों को ठंडक पहुंचाता है । ( रोगने सुकून मालिश तेल सर पर लगाने से बालों को हानि नहीं पहुंचता है।)

6. बवासीर में:- रोगने सुकून को बवासीर के मस्सों पर लगाने से बवासीर को खत्म करता है । (रोगने सुकून में सत अजवाइन एवं सत पुदीना है जो बवासीर के मस्सों को काटकर ठंडक पहुंचाता है ।)

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